Priyanka06

Add To collaction

लेखनी प्रतियोगिता -16-Apr-2023 सजे सजना का प्यार


रोला छंद
शीर्षक-सजे सजन का प्यार
कंगन गजरा आज, पहन कर निकली सजनी।
प्रियतम मन की साज, करें अब उनसे मगनी।।
 सोलह है श्रृंगार, आज मन मम इतराता।
देख तुम्हारा प्यार, हृदय मेरा हर्षाता।।

पहने कंगन हाथ, खूब अब लगती नारी।
सजे सजन का प्यार, हुआ रे मन बलिहारी।।
सजता सदा सुहाग, महकती जीवन बगियाॅं।
होता मधु एहसास, प्रेम की खिलती कलियाॅं।।

करे प्यार इजहार,  हुआ मन मेरा मुदिता।
मनवा नाचे मोर, प्यार के प्रति हो रुचिता।।
सतत रहेगे साथ,  प्रणय की बहती सरिता।
बसे हृदय अनुराग, सदा हो मेरी वनिता।।
लेखिका
प्रियंका भूतड़ा

   15
6 Comments

Punam verma

17-Apr-2023 09:10 AM

Very nice

Reply

सजन का सजे प्यार,,, वाली लाइन में,,, लय नहीं आ रही है इसे अगर,,, "सजे सजन का प्यार" किया जाए तो कैसा रहेगा

Reply

कंगन सोने का आज,,,, में मात्रा भार सही नहीं है,,,

Reply